खुरेत में पेड़ काटने आए ठेकेदार ने मदद के लिए बुलाई पुलिस गांव में पीने के पानी की समस्या उठा कर ग्रामीणों को आंदोलन से जोड़ा आंदोलन के बाद लंबे समय से प्यासे खुरेत के ग्रामीणों को मिला पीने का पानी हेंवल नदी के उद्गम खुरेत के जंगल से हरे पेड़ों को कटने से बचाने के लिए सुंदर लाल बहुगुणा ने पहले छात्रों का सहारा लिया लेकिन वानर सेना ने ऐसा उत्पात मचाया कि दो दिन बाद ही बहुगुणा ने उन्हें नमस्ते कह दिया। बाद में अपने समर्पित साथियों के सहयोग से खुरेत गांव की पीने के पानी की समस्या के माध्यम से उन्होंने आंदोलन में गांव वालों को जोड़ा और जंगल कटने से बचा लिया। बडियारगढ़ में चीड़ के हरे पेड़ों को कटने से बचाने के लिए 24 दिन के उपवास के बाद सुंदर लाल बहुगुणा को राम नरेश यादव के नेतृत्व वाली तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने हरे पेड़ों के कटान पर पूर्ण प्रतिबंध का आश्वासन दिया था। लेकिन पहले लासी और फिर खुरेत में चीड़ के हरे पेड़ काटने ठेकेदार के मजदूर पहुंच गए। बहुगुणा ने स्थानीय लोगों और अपने समर्पित साथियों के सहयोग से दोनों ही जगहों पर पेड़ कटने से बचाए। इस बीच सरकारें बदलीं और राज्य और कंेद्र के मुखि...