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Showing posts from February, 2022

बहुगुणा 17 : वानर सेना ने किया उत्पात तो बहुगुणा ने कहा नमस्ते

खुरेत में पेड़ काटने आए ठेकेदार ने मदद के लिए बुलाई पुलिस गांव में पीने के पानी की समस्या उठा कर ग्रामीणों को आंदोलन से जोड़ा आंदोलन के बाद लंबे समय से प्यासे खुरेत के ग्रामीणों को मिला पीने का पानी हेंवल नदी के उद्गम खुरेत के जंगल से हरे पेड़ों को कटने से बचाने के लिए सुंदर लाल बहुगुणा ने पहले छात्रों का सहारा लिया लेकिन वानर सेना ने ऐसा उत्पात मचाया कि दो दिन बाद ही बहुगुणा ने उन्हें नमस्ते कह दिया। बाद में अपने समर्पित साथियों के सहयोग से खुरेत गांव की पीने के पानी की समस्या के माध्यम से उन्होंने आंदोलन में गांव वालों को जोड़ा और जंगल कटने से बचा लिया। बडियारगढ़ में चीड़ के हरे पेड़ों को कटने से बचाने के लिए 24 दिन के उपवास के बाद सुंदर लाल बहुगुणा को राम नरेश यादव के नेतृत्व वाली तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने हरे पेड़ों के कटान पर पूर्ण प्रतिबंध का आश्वासन दिया था। लेकिन पहले लासी और फिर खुरेत में चीड़ के हरे पेड़ काटने ठेकेदार के मजदूर पहुंच गए। बहुगुणा ने स्थानीय लोगों और अपने समर्पित साथियों के सहयोग से दोनों ही जगहों पर पेड़ कटने से बचाए। इस बीच सरकारें बदलीं और राज्य और कंेद्र के मुखि

सुंदर लाल बहुगुणा 16 : लासी में 300 मजदूरों को वापस खदेड़ दिया

ठेकेदार की मदद के लिए सशस्त्र पुलिस बल लेकर आए अधिकारी नहींे कटा पाए एक भी पेड़ आंदोलन से पूरे इलाके के ग्रामीणों को जोड़ने के लिए जंगल में ही हुआ भागवत कथा का आयोजन दो महीने की प्रतीक्षा के बाद पेड़ काटने में असफल रहे ठेकेदार ने मजदूर लौटाए बडियारगढ़ से सुंदर लाल बहुगुणा को जेल भेजने पर पेड़ काटने के खिलाफ आंदोलन को मिले व्यापक समर्थन के बाद उत्तर प्रदश सरकार ने बडियारगढ़ और कांगड़ में तो हरे पेड़ों के कटान पर रोक लगा दी लेकिन ढुंगमंदार पट्टी के लासी गांव के ऊपर जंगल में चीड़ के पेड़ काटने का ठेका एक नामी ठेकेदार को दे दिया। सुंदर लाल बहुगुणा को जैसे ही इसका पता चला उन्होंने 9 अक्तूबर 1979 से जंगल में ही एक झोपड़ी में उपवास शुरू कर दिया। लासी के ग्रामीण उनके पास आए और बहुगुणा को भरोसा दिलाया कि वे पेड़ नहीं कटने देंगे। ग्रामीणों ने इसके लिए एक वन सुरक्षा समिति बनाई। इसके लिए 25 सदस्य चुने गए। रणवीर सिंह चौहान को को इसका संयोजक बनाया गया। सोना देवी और कुंवर सिंह भी इसके सदस्यों में शामिल थे। पेड़ काटने के विरोध में वन सुरक्षा समिति ने एक रिपोर्ट बनाई और उसकी कॉपी डीएफओ, डीएम और वन संरक्षक को भे